आरक्षण की आवश्यकता के बारे में तथ्यात्मक जानकारी

आरक्षण की आवश्यकता के बारे में तथ्यात्मक जानकारियों के लिए श्री योगेन्द्र यादव द्वारा प्रस्तुत विवरण देखें, बहुत साधारण परन्तु प्रभावी तरीके से समझाया है।

वीर बाला कालीबाई – बलिदान की एक महान मिसाल

आदिवासी समाज में शिक्षा की अलख जगाई ऐतिहासिक पटल पर गांव रास्तापाल, जिला डूंगरपुर, राजस्थान की पहचान <b>अमर शहीद वीर बाला कालीबाई</b><b> </b> के नाम से की जाती है। आदिवासी समुदाय भील के सोमा भाई के घर में वीर काली Read more…

Constitution of India

संविधान के बैसिक स्ट्रक्चर को समझने के लिए बहुत जोरदार विडियो

संविधान के बैसिक स्ट्रक्चर को समझने के लिए बहुत जोरदार विडियो, इसमें आप समझ सकते हैं कि मौलिक अधिकारों व डारेक्टिव प्रिंसिपल आॅफ स्टेट पाॅलिसी और संविधान संशोधन अधिनियमों की आपसी कन्ट्रोवर्सी की कशमकश में कैसे कैसे बड़ी तरकीब से Read more…

मई 1 : अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस

संसार के विभिन्न देशों में 1 मई के दिन को अंतर्राष्ट्रीय लेबर डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। पहले मजदूरों के कार्य करने के घंटों की कोई सीमा नहीं होती थी, वे 10 से लेकर 16 घंटे तक Read more…

वर्ण व्यवस्था : अस्पृश्यता, अत्याचार, शोषण, अशिक्षा, देश की दुर्गति के लिए जिम्मेदार रही है

वर्ण व्यवस्था : अस्पृश्यता की जननी, मानव गरिमा को गहरी ठेस, अमानवीय अत्याचार व शोषण, शिक्षा से वंचित रखने, देश की प्रगति में बाधक होने के साथ साथ विदेशी आक्रांताओ की लूट व भारत में उनके राज के लिए प्रमुखत: जिम्मेदार रही है।

कैसे लिखा है? वह बहुत अंतर करता है

आप चीजों_को_कैसे_लिखते हैं, यह बहुत अंतर करता है। लिखते वक्त शब्दों का चयन व उनसे होने वाले प्रभाव और कुप्रभाव दोनों के बारे में अवश्य विचार करना चाहिए।

रिजर्वेशन के स्थान पर रिप्रजेंटेशन है, ज्यादा उचित, सम्मानजनक और अधिकार दिलाने वाला शब्द

देश के संविधान की मूल भावना है कि देश के हर जाति, धर्म, संप्रदाय व समुदाय के नाागरिक आगे बढ़े और देश के विकास में भागीदार रहे तथा सभी का देश के रिसोर्सेज पर समान रूप से अधिकार है। इसी भावना के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जिन लोगों का भूतकाल में वर्ण व्यवस्था या उनके स्थानीय होने या अन्य कारणों से शोषण व अत्याचार हुआ है, उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए रिजर्वेशन मुहैया कराया गया।

संपादकीय लेख का पुनर्विचार आवश्यक : गुलाब कोठारी, राजस्थान पत्रिका, दिनांक 28 अप्रैल 2020

वास्तव में आरक्षण सभी के विकास व उत्थान के लिए एक आवश्यक उपाय है और जिन जातियों व समुदायों को आरक्षण मिला है उनकी आजादी के पहले और आजादी के बाद वर्तमान स्थिति से पता चलाया जा सकता है कि आरक्षण एक कितना कारगर उपाय सिद्ध हुआ है।