आरक्षण की आवश्यकता के बारे में तथ्यात्मक जानकारी

आरक्षण की आवश्यकता के बारे में तथ्यात्मक जानकारियों के लिए श्री योगेन्द्र यादव द्वारा प्रस्तुत विवरण देखें, बहुत साधारण परन्तु प्रभावी तरीके से समझाया है।

रिजर्वेशन के स्थान पर रिप्रजेंटेशन है, ज्यादा उचित, सम्मानजनक और अधिकार दिलाने वाला शब्द

देश के संविधान की मूल भावना है कि देश के हर जाति, धर्म, संप्रदाय व समुदाय के नाागरिक आगे बढ़े और देश के विकास में भागीदार रहे तथा सभी का देश के रिसोर्सेज पर समान रूप से अधिकार है। इसी भावना के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जिन लोगों का भूतकाल में वर्ण व्यवस्था या उनके स्थानीय होने या अन्य कारणों से शोषण व अत्याचार हुआ है, उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए रिजर्वेशन मुहैया कराया गया।

संपादकीय लेख का पुनर्विचार आवश्यक : गुलाब कोठारी, राजस्थान पत्रिका, दिनांक 28 अप्रैल 2020

वास्तव में आरक्षण सभी के विकास व उत्थान के लिए एक आवश्यक उपाय है और जिन जातियों व समुदायों को आरक्षण मिला है उनकी आजादी के पहले और आजादी के बाद वर्तमान स्थिति से पता चलाया जा सकता है कि आरक्षण एक कितना कारगर उपाय सिद्ध हुआ है।