कल 14 अप्रैल 2020 को सम्पूर्ण भारतवर्ष में पहली बार व्यापक स्तर पर भारतरत्न बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती के अवसर पर अनेकों लोगों ने घरों में दीप प्रज्वलित किए और खुशियां मनाई।

जिन लोगों को ऐसा लगता है कि देश की आजाद के पश्चात संविधान के लागू होने की वजह से उनके जीवन में खुशहाली आई है, उन सब लोगों को पुराने रीति-रिवाजों को छोड़कर ज्योतिबाफुले, बाबासाहब, अन्य समाजसेवियों, माँ-बाप, भाईयों-बहनों और रिश्तेदारों व दोस्तों जिनकी वजह से उनके समाज व समुदाय को लाभ हुआ है, के जन्म दिवस के अवसर पर इस प्रकार के उत्सव मनाने चाहिए।
घर में अच्छे पकवान बनाए जाएं व लोगों को खाना खिलाया जाएं और घर व आपस में उत्सव जैसा माहौल रखें।
आदिवासियों के लिए 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस और बिरसा मुंडा तथा जयपाल सिंह मुंडा व लोकल आदिवासी नेताओं जैसे कप्तान छुट्टन लाल, लक्ष्मीनारायण झरवाल, कालाबादल एवं इस प्रकार की विभूतियों के जन्म दिवस के अवसर पर घर में उत्सव जैसा माहौल रखें और खुशियां बांटे।
कृपया इस विषय में आपके क्या विचार है, अवश्य अवगत कराये।
रघुवीर प्रसाद मीना
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